. सिस्टम को नेटवर्क से अलग करें
• जैसे ही किसी साइबर अटैक का शक हो, सबसे पहले अपने मोबाइल, कंप्यूटर या नेटवर्क को इंटरनेट से डिस्कनेक्ट करें।
• इससे वायरस या हैकर का कंट्रोल फैलने से रोका जा सकता है।
. एक्सपर्ट या सुरक्षा टीम को जानकारी दें
• अगर आप संस्था में हैं तो तुरंत IT टीम को सूचना दें।
• व्यक्तिगत यूज़र CERT-In या पुलिस को रिपोर्ट करें।
3. ज़रूरी डेटा का बैकअप लें
• अगर संभव हो, तो अपना जरूरी डेटा कॉपी कर लें।
• लॉग्स, फाइल्स और स्क्रीनशॉट सेव कर लें – ये आगे की जांच में काम आएंगे।
. predefined कंटेनमेंट प्रक्रिया अपनाएं
• जैसे infected डिवाइस को अलग रखना, credentials बदलना और unauthorized access बंद करना।
. सिस्टम को सही से restore करें
• backup से restore करते समय पूरा स्कैन करें कि वायरस दोबारा न आए।
. सुरक्षा और सतर्कता बढ़ाएं
• मोबाइल और कंप्यूटर में एंटीवायरस रखें, 2-step login लगाएं और अजनबी लिंक पर क्लिक न करें।
. अटैक को पहचानें
• अगर डिवाइस अजीब तरीके से काम कर रहा है, डेटा गायब है या ransom message आ रहा है – तो साइबर अटैक हो सकता है।
. इंटरनेट से डिस्कनेक्ट करें
• तुरंत वाई-फाई या मोबाइल डेटा बंद करें।
• इससे हमला और ज्यादा नुकसान नहीं करेगा।
. विशेषज्ञ को सूचित करें
• CERT-In (सरकारी साइबर सुरक्षा एजेंसी) को रिपोर्ट करें।
• लिंक: www.cert-in.org.in
. जांच और containment करें
• अटैक कैसे हुआ, ये जानने की कोशिश करें।
• संदिग्ध ईमेल, लिंक या डाउनलोड को हटाएं।
. सिस्टम को रीस्टोर करें
• साफ-सुथरे बैकअप से डेटा वापस लाएं।
• पहले अच्छे एंटीवायरस से स्कैन करें।
. भविष्य के लिए सीखें
• जो गलती हुई, उसे पहचानें।
• अगली बार सावधानी के लिए पासवर्ड बदलें, MFA लगाएं और टीम को ट्रेन करें।
CERT-In क्या है?
• "Indian Computer Emergency Response Team" – भारत की राष्ट्रीय साइबर इमरजेंसी एजेंसी है।
• यह साइबर हमलों की रिपोर्ट लेती है और समाधान देती है।
NCCC क्या है?
• "National Cyber Coordination Centre" – यह देश के साइबर नेटवर्क की निगरानी करता है।
• साइबर खतरे आते ही सरकार को अलर्ट करता है।
इनकी मदद क्यों लें?
• अगर आपके सिस्टम, बैंकिंग, या सोशल मीडिया में साइबर हमला हुआ है – तो ये संस्थाएँ जांच, रोकथाम और समाधान में मदद करती हैं।
कैसे संपर्क करें?
• CERT-In की वेबसाइट पर जाएं: www.cert-in.org.in
• या incident@cert-in.org.in पर ईमेल करें।
. खतरे को पहचानें
• क्या आपको किसी अनजान लिंक से मैसेज आया?
• क्या कंप्यूटर या फोन स्लो हो गया? ये सब संकेत हो सकते हैं।
. तुरंत कनेक्शन काटें
• नेटवर्क से सिस्टम को अलग करें – जैसे इंटरनेट ऑफ करें या वाई-फाई हटाएं।
. टीम या एजेंसी को सूचित करें
• CERT-In को जानकारी दें।
• संस्था में हैं तो IT टीम को बताएं।
. हमले को कंट्रोल करें
• वायरस को फैलने से रोकें।
• संदिग्ध यूज़र्स का access बंद करें।
. सिस्टम को ठीक करें
• सिस्टम को format या clean करके backup से restore करें।
• restore से पहले पूरी जांच करें।
. सुरक्षा को मजबूत करें
• अपडेटेड एंटीवायरस लगाएं।
• फिशिंग से सावधान रहें और सभी को awareness दें।
. सभी को साइबर ट्रेनिंग दें
• स्टाफ या परिवार को phishing, झूठे लिंक, और online धोखाधड़ी से बचने की ट्रेनिंग दें।
. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें
• कंप्यूटर और मोबाइल में एंटीवायरस, firewall, और VPN जैसे उपकरण लगाएं।
• Email filter और spam blocker भी जरूरी हैं।
. पासवर्ड सुरक्षा लागू करें
• मजबूत पासवर्ड बनाएं – जैसे U$er2025#@
• एक ही पासवर्ड को हर जगह इस्तेमाल न करें।
• 2-Factor Authentication लगाएं।
. नेटवर्क को सेफ बनाएं
• Wi-Fi को encrypt करें और default password बदलें।
• ऑफिस और घर के नेटवर्क को अलग रखें।
. नियमित रूप से अपडेट करें
• सिस्टम, एप्स और एंटीवायरस को समय पर अपडेट करना बेहद जरूरी है।
. सुरक्षा की जांच करें
• महीने में एक बार security audit कराएं या basic vulnerability check करें।
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