क्लिक करने से पहले सोचें:
हर संदिग्ध लिंक, ईमेल या मैसेज पर तुरंत क्लिक न करें। अगर कोई मैसेज अचानक इनाम, लॉटरी, अकाउंट ब्लॉक या पैन अपडेट जैसी बातों का दावा करे, तो पहले सोचें — कहीं यह फिशिंग तो नहीं? भरोसेमंद स्रोत की पुष्टि किए बिना कोई लिंक न खोलें।
दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (2FA) लागू करें:
2FA आपके डिजिटल अकाउंट की सुरक्षा के लिए एक और मजबूत दीवार है। पासवर्ड के अलावा जब एक अतिरिक्त कोड (SMS, ईमेल या ऑथेंटिकेटर ऐप से) डालना पड़े, तो कोई हैकर सिर्फ पासवर्ड से लॉगिन नहीं कर सकता। इसे हर जरूरी अकाउंट (जैसे Gmail, बैंकिंग, सोशल मीडिया) में चालू करें।
सब कुछ अपडेट रखें – फोन, ऐप्स, ब्राउज़र:
पुराना सॉफ़्टवेयर साइबर हमलों के लिए एक खुला दरवाज़ा होता है। कंपनियां नए अपडेट्स के ज़रिए सुरक्षा खामियों को ठीक करती हैं। इसलिए जैसे ही कोई अपडेट आए, उसे टालें नहीं – तुरंत अपडेट करें, ताकि आप हैकिंग से सुरक्षित रहें।
एक भरोसेमंद एंटीवायरस इंस्टॉल करें:
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर आपके डिवाइस को वायरस, रैनसमवेयर, ट्रोजन और दूसरे मालवेयर से बचाता है। Avast, Bitdefender या Kaspersky जैसे मुफ्त और अच्छे विकल्प भी उपलब्ध हैं। इसे अपडेटेड रखें और समय-समय पर स्कैन ज़रूर करें।
हमेशा बैकअप बनाएं:
जरूरी फ़ाइलें जैसे डॉक्युमेंट्स, फोटो, और कॉन्टैक्ट्स को क्लाउड (जैसे Google Drive, OneDrive) या एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव में सेव करके रखें। इससे आपका डेटा डिवाइस खराब होने, चोरी या हैक होने की स्थिति में भी सुरक्षित रहेगा।
जरूरत से ज़्यादा निजी जानकारी न शेयर करें:
सोशल मीडिया पर अपना पता, जन्मतिथि, स्कूल का नाम, माँ का नाम या पालतू जानवर का नाम शेयर करना हानिकारक हो सकता है। ये जानकारी पासवर्ड रिकवरी सवालों के लिए इस्तेमाल होती है — हैकर्स इसका फायदा उठा सकते हैं।
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