आज का साइबर सुरक्षा विचार
एक वरिष्ठ दिल्ली पुलिस अधिकारी ने हाल ही में एक टॉक शो में बताया कि:
साइबर धोखाधड़ी का मुख्य कारण चेतावनियों की कमी नहीं, बल्कि लोगों द्वारा उन्हें नजरअंदाज करना है।
हकीकत यह है कि:
सतर्कता संदेश बार-बार प्रसारित किए जाते हैं — यहां तक कि कॉलर ट्यून के रूप में भी।
फिर भी लोग पुलिस अधिकारी, CBI एजेंट और TRAI अधिकारी बनने वाले ठगों के जाल में फंस जाते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य:
डिजिटल गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं है।
फिर भी ठग भय पैदा करके भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं।
अनचाही कॉल या संदेशों को स्वीकार न करें, खासकर जो तात्कालिकता या डर का माहौल बनाएं।
उदाहरण: +92 से शुरू होने वाले नंबरों से होने वाले कॉल्स में ठग CBI या अन्य एजेंसियों के नाम पर लोगों को धोखा दे रहे हैं।
???????? याद रखें: कोई भी भारतीय अधिकारी अंतरराष्ट्रीय नंबर से वैध कॉल नहीं करेगा।
ठग SIP कॉलिंग का इस्तेमाल करके कॉल को सरकारी लैंडलाइन नंबरों जैसा दिखाते हैं।
इससे लोग भ्रमित होकर धोखाधड़ी में फंस सकते हैं।
Guru99 –
VoIP नंबर पहचानने के लिए रिवर्स फोन लुकअप और पैकेट एनालिसिस जैसे टूल्स देता है।
SearchBug –
संदिग्ध नंबर के स्वामित्व की जानकारी देता है (VoIP लुकअप सर्विस)।
SIPSTACK Whois –
कॉलर ID चेक करने और नंबर की विस्वसनीयता आकलन के लिए एक मुफ़्त टूल है।
चेतावनियों को गंभीरता से लें
संदिग्ध कॉल्स को सत्यापित करें
हमेशा सतर्क रहें
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!
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