स्कैमर्स पहले नकली लोन ऐप के जरिए भरोसा बनाते हैं।
फिर आपकी गैलरी की तस्वीरों को मॉर्फ कर उन्हें अश्लील बनाते हैं।
इन तस्वीरों के ज़रिए ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठते हैं।
लोन का लालच देकर ये ऐप्स कैमरा, गैलरी, संपर्क और लोकेशन की अनुमति मांगते हैं।
आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी कर ली जाती है।
निजता में सेंध लगाकर बाद में धमकी दी जाती है।
शुरुआत ₹5000–₹20000 जैसे छोटे लोन से होती है।
चुकाने में देरी होते ही बदनाम करने की धमकियाँ शुरू हो जाती हैं।
डर और शर्म का लाभ उठाकर बार-बार पैसे की मांग की जाती है।
पाकिस्तान के +92 नंबरों से कॉल्स और व्हाट्सऐप पर अश्लील संदेश आते हैं।
स्कैमर्स का नेटवर्क भारत में सक्रिय है और अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़ा होता है।
नंबर ब्लॉक करना और रिपोर्ट करना बहुत ज़रूरी है।
जो फोटो आपने कभी सामान्य रूप से क्लिक की थी, वही अब आपको बदनाम करने का ज़रिया बनती है।
अपराधी इन्हीं फोटोज़ को एडिट कर अश्लील रूप में भेजते हैं आपके कॉन्टैक्ट्स को।
यह डिजिटल इमोशनल ब्लैकमेलिंग का घिनौना उदाहरण है।
मॉर्फिंग केवल तकनीकी चाल नहीं, अब यह अपराध का हथियार बन चुकी है।
धमकी देने के लिए स्कैमर्स पेशेवर स्तर पर फोटो मॉर्फ करते हैं।
कई लोग इसके कारण मानसिक तनाव, शर्मिंदगी और आत्मघात तक की स्थिति में आ जाते हैं।
स्कैमर्स "झटपट लोन" का सपना दिखाकर आपकी ज़िंदगी बर्बाद कर सकते हैं।
बाद में किसी भी सोशल प्लेटफॉर्म पर आपकी इमेज को वायरल करने की धमकी दी जाती है।
इससे बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
कई लोग अनजाने में बस एक क्लिक में ऐसे ऐप्स डाउनलोड कर लेते हैं।
यही क्लिक स्कैमर्स को आपकी पूरी ज़िंदगी में झांकने का रास्ता दे देता है।
इंस्टॉल करने से पहले ऐप की रेटिंग, परमिशन और डेवेलपर को जरूर चेक करें।
स्कैमर्स आपको बदनाम करने के लिए "अश्लील कंटेंट" का सहारा लेते हैं।
जब आप डरते हैं, तो वो इसका फायदा उठाकर पैसे ऐंठते हैं।
इस जाल में न फंसे — सतर्क रहें, साहसी रहें और शिकायत दर्ज करें।
फोटो मॉर्फिंग अब एक गंभीर साइबर अपराध का हिस्सा बन चुकी है।
इसका शिकार कोई भी बन सकता है — खासतौर पर महिलाएं और बुज़ुर्ग।
IPC 354D, 509 और IT Act 66E, 67A के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
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