SMS OTP छोड़ें, ऑथेंटिकेटर ऐप अपनाएं – 30 सेकंड में बदलता आपका सुरक्षा कवच
SMS OTP को इंटरसेप्ट करना आसान है, जबकि ऑथेंटिकेटर ऐप का कोड सिर्फ आपके डिवाइस पर जनरेट होता है।
हर 30 सेकंड में कोड बदलने से हैकर्स के लिए चोरी करना लगभग असंभव हो जाता है।
इंटरनेट या नेटवर्क कनेक्शन के बिना भी कोड काम करता है।
फिशिंग, मैन-इन-द-मिडिल और SIM स्वैप जैसे हमलों में भी यह सुरक्षित रहता है।
SIM स्वैप और हैकिंग से बचाव – ऑथेंटिकेटर ऐप है बेहतर रास्ता
SIM स्वैप फ्रॉड में आपका नंबर चुरा कर हैकर OTP हासिल कर सकता है, लेकिन ऑथेंटिकेटर ऐप में यह संभव नहीं।
ऑथेंटिकेटर ऐप को क्लोन करना या कॉपी करना बेहद मुश्किल है।
एक बार सेटअप हो जाने पर आपके अकाउंट की सुरक्षा कई गुना बढ़ जाती है।
बैंकिंग, सोशल मीडिया और ईमेल अकाउंट्स में अनधिकृत एक्सेस रोका जा सकता है।
SMS OTP पुराना, ऑथेंटिकेटर ऐप है नया सुरक्षा मानक
SMS OTP तकनीक पुरानी है और अब आसानी से बायपास की जा सकती है।
ऑथेंटिकेटर ऐप दो-स्तरीय (Two-Factor) सुरक्षा का सबसे भरोसेमंद तरीका है।
यह मोबाइल नेटवर्क पर निर्भर नहीं, जिससे रिमोट हैकिंग के खतरे कम होते हैं।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अब पासवर्ड + ऑथेंटिकेटर ऐप का कॉम्बो सबसे सुरक्षित मानते हैं।
30 सेकंड में बदलता कोड – अब ऑनलाइन अकाउंट्स होंगे और सुरक्षित
कोड हर आधे मिनट में बदलता है, जिससे हैकर के पास समय कम होता है।
एक बार इस्तेमाल होने के बाद कोड बेकार हो जाता है।
कोड डिवाइस-लिंक्ड होने के कारण चोरी करना लगभग असंभव है।
यह फीचर ऑनलाइन लेन-देन और लॉगिन को बेहद सुरक्षित बनाता है।
OTP सिक्योरिटी का भविष्य: ऑथेंटिकेटर ऐप बनाम SMS
भविष्य में SMS OTP को धीरे-धीरे बंद किया जा रहा है और ऑथेंटिकेटर ऐप को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बड़ी टेक कंपनियाँ (Google, Microsoft, Apple) पहले ही SMS OTP से दूरी बना रही हैं।
ऑथेंटिकेटर ऐप में सुरक्षा, प्राइवेसी और ऑफलाइन वर्किंग — तीनों का कॉम्बिनेशन है।
साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों में यह सबसे मजबूत डिजिटल सुरक्षा हथियार बन चुका है।
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