जैसे ही आपको लगे कि आपके साथ ठगी हुई है, 4 घंटे के भीतर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें। समय पर की गई शिकायत से धन को रोका जा सकता है।
1930 पर कॉल करें
बैंक को तुरंत सूचित करें
ट्रांजैक्शन और कॉल की जानकारी संभालें
www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें
FIR कॉपी सेव रखें
आप 1930 पर कॉल कर सकते हैं या निकटतम पुलिस स्टेशन जाकर रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत के लिए www.cyberpolice.nic.in या www.cybercrime.gov.in का उपयोग करें।
1930 एक राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन है जो रियल टाइम में बैंक और पुलिस से संपर्क करके लेन-देन को रोकने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
ट्रांजैक्शन की पूरी जानकारी
संबंधित बैंक खाता नंबर
OTP या मैसेज रिकॉर्ड
फ्रॉड कॉल या चैट स्क्रीनशॉट
इन सबको रिपोर्ट में शामिल करें।
तुरंत बैंक की कस्टमर केयर पर कॉल करें, कार्ड/खाते को ब्लॉक करवाएं और लिखित शिकायत दें। साथ ही साइबर पोर्टल पर भी रिपोर्ट करें।
अगर रिपोर्ट में देरी होती है तो साइबर टीम को ट्रांजैक्शन ट्रेस करने और पैसे रोकने में मुश्किल आती है। इससे राशि वापस पाने की संभावना कम हो जाती है।
हाँ, यह एक वैध तरीका है। पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट कराने से आपको FIR की कॉपी मिल सकती है, जो आगे बैंकिंग/कानूनी कार्रवाई में मदद करती है।
यदि आप सही समय पर रिपोर्ट करें और बैंक/पुलिस की मदद से ट्रांजैक्शन को ट्रेस किया जा सके, तो राशि रिकवर की जा सकती है। हालांकि सफलता का प्रतिशत केस-दर-केस भिन्न होता है।
अनजान लिंक पर क्लिक न करें
बैंक की जानकारी किसी को न दें
UPI PIN/OTP किसी से साझा न करें
साइबर सुरक्षा ऐप्स या अलर्ट ऑन रखें
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