वेल्यूलिप घोटाला और चीनी साइबर गिरोह द्वारा डीपफेक षड्यंत्र

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वेल्यूलिप घोटाला और चीनी साइबर गिरोह द्वारा डीपफेक षड्यंत्र

Valuelip India Services Pvt. Ltd. नामक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी से जुड़े चार व्यक्तियों ने अपने Facebook Ad IDs चीनी साइबर अपराधियों को बेच दिए।
इन विदेशी अपराधियों ने सोशल मीडिया पर नकली निवेश वीडियो चलाए, जिनमें शेयर ट्रेडिंग के ज़रिए भारी मुनाफे का वादा किया गया।
लोगों ने लिंक पर क्लिक किया और WhatsApp/Telegram ग्रुप्स में शामिल हो गए, लेकिन असल में कोई निवेश नहीं हुआ—पीड़ितों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई।

धोखाधड़ी का तरीका (Modus Operandi)

चरण तरीका प्रभाव
1 विज्ञापन एक्सेस की बिक्री भारतीय कंपनी ने Facebook Ad IDs विदेशी अपराधियों को बेचे
2 डीपफेक वीडियो नकली निवेश गुरु शेयर स्कीम का प्रचार करते दिखे
3 सोशल ग्रुप का जाल पीड़ितों को WhatsApp/Telegram पर भेजा गया
4 नकली ट्रेडिंग कोई असली शेयर लेन-देन नहीं हुआ


ऐसे घोटालों को पहचानने के तरीके

  • असाधारण मुनाफे का वादा: 10x या 100x रिटर्न का दावा अक्सर जाल होता है।

  • डीपफेक वीडियो: होंठों का असामान्य मिलान, रोबोटिक आवाज़ या चेहरे के भावों में गड़बड़ी देखें।

  • अप्रमाणित ग्रुप्स: अनजान लिंक से जुड़ने वाले निवेश ग्रुप्स से बचें।

  • कोई नियामक निगरानी नहीं: जांचें कि स्कीम SEBI या RBI से पंजीकृत है या नहीं।

  • जल्दी निर्णय का दबाव: स्कैमर्स अक्सर “सीमित समय ऑफर” का दबाव बनाते हैं।

नागरिकों के लिए सुरक्षा उपाय

  • विज्ञापन स्रोत की जांच करें: Facebook Ad Library से विज्ञापनदाता की पहचान करें।

  • संदिग्ध विज्ञापन रिपोर्ट करें: प्लेटफॉर्म के टूल्स से फर्जी कंटेंट को फ्लैग करें।

  • अप्रमाणित निवेश ग्रुप्स से बचें: केवल SEBI-पंजीकृत प्लेटफॉर्म्स पर निवेश करें।

  • वित्तीय साक्षरता बढ़ाएं: आधिकारिक चैनलों से जानकारी लें।

  • स्कैम डिटेक्शन टूल्स का उपयोग करें: Guardio जैसे ब्राउज़र एक्सटेंशन फर्जी विज्ञापन पहचान सकते हैं।

संस्थागत सिफारिशें

  • डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों का ऑडिट हो: Ad ID बिक्री और विदेशी लिंक की निगरानी हो।

  • प्लेटफॉर्म जवाबदेही तय करें: Meta और Telegram पर सख्त विज्ञापन और ग्रुप जांच सुनिश्चित हो।

  • साइबर अपराध रिपोर्टिंग को बढ़ावा दें: NCRP पोर्टल और हेल्पलाइन का प्रचार करें।