SIP कॉलिंग क्या है
यह एक इंटरनेट आधारित कॉलिंग टेक्नोलॉजी है जो पारंपरिक टेलीफोन सिस्टम को बाईपास कर कॉल करने की सुविधा देती है।
कैसे होता है इसका गलत इस्तेमाल
अपराधी SIP कॉलिंग के ज़रिए भारतीय नंबर की नकल (Spoofing) कर लोगों को विश्वास में लेते हैं।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या है
लोगों को "CBI" या "पुलिस" बनकर धमकाया जाता है कि वे गिरफ्तार हो सकते हैं, और डराकर उनसे पैसे ट्रांसफर कराए जाते हैं।
केस स्टडी
2 लाख से ज़्यादा स्कैम कॉल्स, 5,000 SIP नंबर, और कई करोड़ की ठगी—दिल्ली व बेंगलुरु जैसे शहरों से केस सामने आए हैं।
सरकारी अधिकारी" बनकर कॉल
अपराधी खुद को CBI, TRAI या बैंक अधिकारी बताकर बोलते हैं – कॉल स्थानीय नंबर से आती है, इसलिए लोग विश्वास कर लेते हैं।
फर्जी आरोप लगाना
पीड़ित को बताया जाता है कि उनका आधार कार्ड किसी अपराध में इस्तेमाल हुआ है या कोई मनी लॉन्ड्रिंग केस है।
फर्जी दस्तावेज़ और ऑडियो कॉल्स
नकली FIR, कोर्ट नोटिस और वॉयस क्लिप्स भेजकर डराया जाता है।
बैंक से क्रिप्टो तक पैसा ट्रांसफर
लोग डर से लाखों रुपये ऑनलाइन अकाउंट या क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर कर देते हैं।
विदेश में बैठकर भारत को टारगेट
SIP टर्मिनल थाईलैंड, कंबोडिया, दुबई जैसे देशों में होते हैं, लेकिन कॉल भारत की लगती है।
नेटवर्क पर नियंत्रण
स्कैमर्स SIP सर्वरों का उपयोग कर कस्टम रूटिंग करते हैं जिससे कॉल की लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाती।
कम लागत, अधिक स्केल
SIP कॉलिंग सस्ती है – हजारों कॉल्स एक साथ करना संभव है, इसीलिए यह ठगों की पसंद बन चुका है।
सरकारी प्रयास
DoT ने इंटरनेशनल स्पूफ कॉल्स को रोकने के लिए नए सिस्टम (#Chakshu) लागू किए हैं।
स्पूफिंग का मतलब
कॉलर ID को नकली बनाकर ऐसा दिखाना कि कॉल किसी भरोसेमंद सोर्स से आ रही है।
VoIP + SIP = हाईटेक फ्रॉड
VoIP टेक्नोलॉजी से SIP कॉल्स को मैनेज करना आसान है। अपराधी इसे PBX सिस्टम से कंट्रोल करते हैं।
साइबर क्राइम का नया चेहरा
पुराने OTP स्कैम्स की जगह अब टेक्नोलॉजी आधारित जाल बिछाए जा रहे हैं – ज्यादा प्रभावशाली और डराने वाले।
बहुस्तरीय रूटिंग सिस्टम
कॉल्स को एक से अधिक सर्वर से घुमा कर रूट किया जाता है, जिससे असली सोर्स को ट्रेस करना कठिन हो जाता है।
किसी भी "सरकारी" कॉल पर सीधे विश्वास न करें
CBI, पुलिस, बैंक आदि किसी भी मामले में आपको फोन पर गिरफ्तार करने की धमकी नहीं देंगे।
कॉलर ID पर भरोसा न करें
SIP तकनीक से कॉलर ID बदली जा सकती है। हमेशा संदिग्ध कॉल को Verify करें।
डर कर पैसे न भेजें
डराने वाले कॉल्स का उद्देश्य आपको मनोवैज्ञानिक दबाव में लाकर पैसा निकलवाना होता है। शांत रहें, सोचें, जांचें।
DoT पोर्टल पर शिकायत करें
ऐसे किसी कॉल की रिपोर्ट #Chakshu या साइबर क्राइम पोर्टल पर करें।
Call Recording और स्क्रीनशॉट रखें
सबूत के रूप में कॉल रिकॉर्डिंग, नंबर और WhatsApp चैट सेव करें—ये जांच में मदद कर सकते हैं।
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