अगर आप लंबे समय तक अपना SIM कार्ड रिचार्ज नहीं करते हैं, तो यह केवल नेटवर्क बंद होने तक सीमित नहीं है — आपका निजी डेटा भी खतरे में पड़ सकता है।
यहां जानिए क्यों:
नंबर रीसायकल की प्रक्रिया
मोबाइल कंपनियाँ उपयोग में न आने वाले नंबरों को कुछ समय बाद नए ग्राहकों को दे देती हैं।
इसका मतलब है कि आपका पुराना नंबर अब किसी और के पास हो सकता है।
डेटा एक्सेस का खतरा
WhatsApp, बैंक, सोशल मीडिया जैसे कई अकाउंट्स इस नंबर से जुड़े होते हैं।
नया उपयोगकर्ता यदि SIM चालू करता है, तो OTP के ज़रिए इन अकाउंट्स तक पहुंच सकता है।
सावधानी के ज़रूरी कदम:
अकाउंट्स से पुराना नंबर हटाएं और नया अपडेट करें।
WhatsApp में Settings → Account → Change Number का उपयोग करें।
दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (2FA) सभी प्लेटफॉर्म पर एक्टिव करें।
यदि आप अपना पुराना नंबर छोड़ने जा रहे हैं, तो इन 3 स्टेप्स को नजरअंदाज न करें:
WhatsApp नंबर बदलें
Settings > Account > Change Number
इससे आपकी चैट हिस्ट्री और डेटा सुरक्षित रहता है, और नया उपयोगकर्ता आपकी प्रोफाइल नहीं देख सकता।
Linked Accounts से नंबर हटाएं
बैंकिंग, फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल अकाउंट आदि से इस नंबर को हटाएं।
लॉगिन OTP को रोकने के लिए नया नंबर लिंक करें।
SIM Port करवा लें या Plan बदलें
नंबर छोड़ने की बजाय उसे किसी दूसरे नेटवर्क में पोर्ट करें या पोस्टपेड/प्रीपेड में बदलें।
इससे नंबर सुरक्षित रहता है और दोबारा किसी और को नहीं मिलता।
आपका SIM बंद है लेकिन इससे जुड़े खाते चालू हैं? सावधान हो जाइए!
क्या हो सकता है खतरा?
OTP के माध्यम से नया यूजर आपके खातों तक पहुंच सकता है।
बैंक फ्रॉड, सोशल मीडिया हैकिंग जैसी घटनाएं हो सकती हैं।
डेटा को सुरक्षित रखने के लिए करें ये:
WhatsApp में नंबर बदलें और 2-Step Verification ऑन करें।
सभी जरूरी खातों में लॉग इन कर नया नंबर अपडेट करें।
SIM सेवा बहाल नहीं कर सकते तो उसे हमेशा के लिए बंद करवा दें।
मोबाइल नंबर रीसायकल होना आम बात है, लेकिन आपकी पहचान इससे खतरे में पड़ सकती है।
क्यों होता है यह रिस्क?
नया ग्राहक जब पुराना नंबर लेता है, OTP के ज़रिए वो कई सर्विस तक पहुंच सकता है।
ईमेल, बैंकिंग, सोशल मीडिया अकाउंट्स इससे प्रभावित हो सकते हैं।
आप क्या करें?
पुराने नंबर से जुड़ी सभी सर्विस से लॉग आउट करें।
नंबर को डिलीट करने से पहले उसे unlink करें।
जरूरत पड़े तो सिम ब्लॉक कराने का अनुरोध अपने टेलीकॉम प्रोवाइडर से करें।
यह सिर्फ एक नंबर नहीं – आपकी पहचान, OTP, बैंकिंग और सोशल मीडिया की चाबी है।
30 से 90 दिन में हो सकता है नंबर recycle
Airtel, Jio, Vi जैसी कंपनियाँ 60-90 दिन तक ही inactive नंबर रखती हैं।
इसके बाद ये नंबर किसी और को दे दिए जाते हैं।
इससे बचने के उपाय:
हर 30-60 दिन में SIM में एक बार इनकमिंग/आउटगोइंग करें या मिनिमम रिचार्ज रखें।
अगर नंबर नहीं चाहिए तो उसे ऑफिशियली बंद करवाएं।
सभी अकाउंट्स में नए नंबर से अपडेट कर लें।
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