फ्री सॉफ्टवेयर नहीं, यह डिजिटल धोखा है

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फ्री सॉफ्टवेयर नहीं, यह डिजिटल धोखा है

क्रैक का जाल: पायरेसी से पहचान की चोरी तक

  • पायरेटेड सॉफ़्टवेयर में छिपे इंफोस्टीलर आपकी डिजिटल पहचान चुरा सकते हैं।

  • आपका ईमेल, बैंक, सोशल अकाउंट—all exposed!

  • सस्ता सॉफ्टवेयर नहीं, महंगी पहचान खोने का खतरा।


 चारा नहीं चाहिए—पायरेटेड सॉफ्टवेयर से दूरी बनाएँ

  • पायरेसी एक फंदा है, जिसमें इंफोस्टीलर का कांटा छिपा है।

  • फ्री का लालच, वायरस का इन्विटेशन।

  • सावधान रहें—बस एक क्लिक से पूरा सिस्टम संक्रमित हो सकता है।


 पायरेसी की कीमत: आपकी गोपनीयता

  • मुफ्त डाउनलोड की असली कीमत है आपकी पर्सनल जानकारी।

  • ब्राउज़र पासवर्ड, क्रिप्टो वॉलेट और बैंक डेटा चोरी हो सकता है।

  • गोपनीयता का मूल्य पैसों से कहीं अधिक है।


 मुफ़्त का माल, भारी नुकसान: पायरेसी से सतर्क रहें

  • फ्री सॉफ्टवेयर = वायरस का वाहक।

  • आपका सिस्टम, नेटवर्क और संगठन सब खतरे में।

  • असली कीमत तब चुकानी पड़ती है जब डेटा लीक होता है।


 क्रैक्ड नहीं, ट्रैप्ड! पायरेटेड सॉफ्टवेयर से बचें

  • क्रैक्ड सॉफ्टवेयर एक जाल है, जिसमें फंसते ही डेटा उड़ जाता है।

  • यह ‘टूल’ नहीं, एक ट्रोजन है।

  • ट्रैप से बचने का एक ही उपाय—सिर्फ भरोसेमंद स्रोतों से सॉफ़्टवेयर लें।


 चोरी का सॉफ्टवेयर, असली खतरा: इंफोस्टीलर का खेल

  • पाकिस्तान जैसे देशों से ऑपरेट हो रहे मैलवेयर नेटवर्क पायरेटेड सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

  • Lumma, AMOS, Meta Stealer जैसे टूल्स क्रैक्ड ऐप्स में छिपे हैं।

  • यह सिर्फ कानून तोड़ना नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा से खेल है।


 पायरेसी: एक क्लिक, कई जोखिम

  • एक क्लिक से वायरस, डेटा चोरी, नेटवर्क ब्रीच, और ID फ्रॉड हो सकता है।

  • पायरेटेड ऐप्स कई स्तर पर खतरे पैदा करते हैं।

  • आपके डिवाइस से आपकी दुनिया खुल जाती है—सावधानी जरूरी है।


 सॉफ्टवेयर चोरी नहीं, डेटा चोरी है असली खतरा

  • असली नुक़सान सॉफ़्टवेयर का नहीं, आपके डेटा का होता है।

  • चोरी का सॉफ्टवेयर डेटा चुराने का ज़रिया बन चुका है।

  • डेटा एक बार गया, तो वापस नहीं आता।


 क्रैक से क्रैश तक: पायरेटेड ऐप्स और साइबर जाल

  • क्रैक डाउनलोड करते ही सिस्टम क्रैश, डेटा ब्रीच, और नेटवर्क संक्रमित हो सकता है।

  • IT प्रोफेशनल्स और कंपनियाँ इस खतरे से सबसे ज़्यादा प्रभावित।

  • यह सस्ती चूक महंगी कीमत पर पड़ सकती है।


 फ्री का सॉफ्टवेयर, महंगी पड़ सकती है आज़ादी

  • मुफ्त में मिला सॉफ्टवेयर आपकी साइबर आज़ादी छीन सकता है।

  • आप पर निगरानी, डेटा ट्रैकिंग और धोखाधड़ी शुरू हो सकती है।

  • सुरक्षित रहें—भरोसेमंद और वैध स्रोतों से ही सॉफ़्टवेयर लें।