सरकारी योजना का नाम लेकर ठगी
ठग खुद को ऊर्जा मंत्रालय से जुड़ा अधिकारी बताकर "सोलर सब्सिडी" और "इन्वेस्टमेंट रिटर्न" का लालच देते हैं।
फर्जी दस्तावेज़ों और ID से भरोसा बनाना
नकली सरकारी पहचान पत्र, फर्जी लेटरहेड, और स्कीम से जुड़े दस्तावेज़ दिखाकर लोगों का विश्वास जीता जाता है।
सोशल मीडिया और ऑनलाइन ग्रुप्स का दुरुपयोग
WhatsApp, Telegram, Facebook जैसे प्लेटफॉर्म्स पर इन स्कैम स्कीमों का प्रचार किया जाता है।
रियल केस स्टडी – Delhi Goldcoat Scam
100,000 USDT की क्रिप्टो रिकवरी के साथ, दिल्ली पुलिस ने इस स्कैम का पर्दाफाश किया।
स्मार्ट स्कैम – जो बहुत प्रोफेशनल दिखते हैं
स्कैमर्स आजकल इतनी सफाई से स्कीम बनाते हैं कि वो असली सरकारी प्रोजेक्ट जैसी लगती है।
₹1.5 करोड़ की ठगी – बेंगलुरु व्यापारी का केस
व्यापारी ने Solar Installation के लिए पैसे दिए, लेकिन पैसे मिलते ही स्कैमर्स गायब हो गए।
रिकवरी के नाम पर दूसरी ठगी
व्यापारी ने "Quickmoto Legal Service" नामक फर्जी कंपनी से संपर्क किया और ₹12.5 लाख और गंवा दिए।
डबल फ्रॉड – एक बार नहीं, दो बार लूट
यह केस दिखाता है कि पीड़ितों को न्याय दिलाने के नाम पर भी ठगी हो रही है।
पहला जाल: सोलर इन्वेस्टमेंट फ्रॉड (Goldcoat Solar Scam)
सरकारी योजना की नकली स्कीम बनाकर निवेशकों से भारी रक़म ऐंठी गई।
दूसरा जाल: फर्जी रिकवरी सर्विस (Quickmoto Legal)
पीड़ितों से कहा गया कि वो उनकी रकम वापस दिलाएंगे – और फिर उनसे मोटी फीस वसूली गई।
तकनीक का दुरुपयोग
VoIP कॉल्स (Zoiper-5) और फर्जी वेबसाइट्स से असली कंपनियों की तरह व्यवहार किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शन
मुख्य आरोपी का भाई दुबई में बैठकर पूरे रैकेट को चला रहा था।
Step 1 – स्कीम का जाल
“100% रिटर्न के साथ सोलर इन्वेस्टमेंट प्लान”, “सरकारी टेंडर में भागीदारी” – ऐसे ऑफर से लोगों को फंसाया गया।
Step 2 – रिवर्स स्कैम
जब लोग शिकायत करते हैं, तो उन्हें "फर्जी लीगल रिकवरी एजेंसी" से संपर्क कराया जाता है।
वसूली का नया तरीका
नकली रसीदें, फर्जी कोर्ट पेपर्स, और कॉल रिकॉर्ड्स से यह दिखाया जाता है कि केस चल रहा है।
यह सिर्फ स्कैम नहीं, एक रणनीति है
पहले धोखा दो, फिर पीड़ित की उम्मीद के नाम पर उससे और पैसा ऐंठो।
Renewable Energy की छवि का शोषण
भारत में सोलर प्लांट और एनर्जी मिशनों की लोकप्रियता का फायदा उठाकर भरोसा जमाया गया।
Online प्रचार से भरोसा बनाया
फर्जी वेबसाइट्स, न्यूज रिपोर्ट्स और सोशली शेयर की गई “रिव्यू” वीडियो का इस्तेमाल हुआ।
पुलिस और क्रिप्टो ट्रेसिंग का रोल
Binance जैसे प्लेटफॉर्म की मदद से पुलिस ने क्रिप्टो लेन-देन को ट्रैक कर मुख्य आरोपियों को पकड़ा।
सबक
कोई भी योजना जो जल्दी मुनाफा या सरकारी सब्सिडी का दावा करे — बिना प्रमाण जांचे उस पर भरोसा न करें।
???? सतर्क रहें, सुरक्षित रहें। कोई भी “सरकारी स्कीम” की बात करे तो उसकी वेबसाइट, हेल्पलाइन और प्रामाणिकता की जांच करें।
आपकी जागरूकता ही आपकी सबसे मजबूत फ़ायरवॉल है।
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